Boilerlearn.com में आप का बहुत बहुत स्वागत है आज के इस पोस्ट में superheater के बारे में विस्तार से जानकारी दुंगा what is superheater, superheater working, superheater working principle, superheater function in the boiler, Superheater types, superheater diagram, आदि के बारे में जानने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़े।
What is superheater
superheater एक एसेसरी है जिसका इस्तेमाल वेट स्टीम और सैचुरेटेड स्टीम को सुपरहीटर स्टीम में कन्वर्ट करने के लिए किया जाता है बॉयलर में उत्पादन हो रहा स्टीम जब superheater से होकर गुजरता है तो उस स्टीम को सुपरहीटर स्टीम करते हैं superheater स्टीम का खास बात है इसमें पानी का ड्रॉपलेट्स नहीं होता हैं
वेट स्टीम और सैचुरेटेड स्टीम से इसका टेंपरेचर ज्यादा होता है जिसके वजह से यह स्टीम दिखाई नहीं देता है और टेंपरेचर ज्यादा होने से स्टीम का कार्य क्षमता बढ़ जाता है इसलिए superheater स्टीम का उपयोग हाई परफार्मेंस के खातिर टरबाइन में बिजली उत्पादन के लिए स्टीम इंजन में इंजन को चलाने के लिए और कंपनियों में प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है
पहली बार superheater का आविष्कार जर्मनी के विल्हेम श्मिट के द्वारा 1880 और 1890 के आसपास में किया गया था पर इसका पहली बार उपयोग 1898 में किया गया था उसके बाद से 1906 ग्रेट वेस्टर्न रेलवे के लोकोमोटिव इंजन आदि में किया जाने लगा।
आम तौर पर स्टीम का टेंपरेचर बढ़ाने के लिए बॉयलर का प्रेशर बढ़ाना पड़ता है पर ऐसा करने से बॉयलर का एफिशिएंसी घट जाता है क्यों की बॉयलर का प्रेशर बढ़ाने के लिए हमे पानी और फ्यूल का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ता है एक बात और हम बॉयलर के वर्किंग प्रेशर से ज्यादा प्रेशर नहीं बढ़ा सकते हैं लेकिन जब हम superheater का इस्तेमाल करते हैं तो बिना बॉयलर का प्रेशर बढ़ाए या घटाएं हम स्टीम का टेंपरेचर बढ़ा या घटा सकते है
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superheater working
स्टीम बॉयलर के अलग-अलग हिस्सों से स्टीम का उत्पादन होता है फिर स्टीम स्टीम ड्रम में आकर इकट्ठा होता है स्टीम ड्रम के बाद सुपरहीटर के इन लेट हेडर में आता है सुपरहीटर में 2 हेडर होते है एक इन लेट दूसरा आउट लेट इन लेट हेडर से superheater के बहुत सारे टयूब जुड़े होते है उन टयूब के रास्ते जब स्टीम गुजरता है तो उसका टेंपरेचर बढ़ जाता है फिर स्टीम superheater आउट लेट हेडर में आ जाता है फिर आगे स्टॉप वाल्व के रास्ते स्टीम प्लांट में चला जाता है प्लांट में टरबाइन घूमाने के लिए या स्टीम इंजन चलाने के लिए या फिर प्रोसेसिंग आदि करने के लिए उपयोग किया जाता है इसका उपयोग किस प्रकार से होगा यह पूरी तरह से प्लांट के ऊपर निर्भर होता है
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superheater working principle
सुपरहीटर भट्टी के आउटलेट पर लगा होता है भट्टी से आ रही फ्लू गैसेस सबसे पहले सुपर हीटर को हिट करती है फ्लू गैसेस का टेंप्रेचर 400 से 500 डिग्री सेल्सियस हो सकता है 500 से 600 डिग्री सेल्सियस हो सकता है या इससे भी कम या ज्यादा हो सकता है यह पूरी तरह से बॉयलर के साइज और बॉयलर में यूज हो रहा ईंधन के उपर निर्भर होता है
दूसरी तरफ बॉयलर स्टीम ड्रम से स्टीम superheater इन लेट हेडर में आता है यहां तक स्टीम का टेंपरेचर 150 डिग्री सेल्सियस से लेकर 220 या फिर 250 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है या इससे भी कम या ज्यादा हो सकता है यह पूरी तरह से बॉयलर के प्रेशर पर निर्भर करता है उसके बाद से हिट एक्सचेंज होता है और स्टीम का टेंप्रेचर बढ़ जाता है उसके बाद से स्टीम superheater के आउट लेट में जाता है उसके बाद से स्टॉप वाल्व के रास्ते प्लांट में चला जाता है और फ्लू गैसेस सुपरहीटर को हिट करने के बाद इकोनोमाइजर में जाता है aph आदि में जाता है और फिर लास्ट में चिमनी के रास्ते वायुमंडल में चला जाता है
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superheater function in the boiler
बॉयलर में सुपरहीटर का मुख्य कार्य बॉयलर स्टीम ड्रम से निकल रहे वेट स्टीम या सैचुरेटेड स्टीम को और अधिक गर्म करना है जिससे की स्टीम में से पानी का नमी पूरी तरह से निकल जाए और स्टीम पूरी तरह से खुखी हो जाए जिससे स्टीम का कार्य क्षमता बढ़ जाए और बॉयलर का एफिशिएंसी बढ़ जाए।
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Superheater types
सुपरहीटर के मुख्य तीन प्रकार होते है
- Radiant superheater
- Convection superheater
- Separately fired superheater
Radiant superheater
रेडिएंट सुपरहीटर भट्ठी में जहां पर आग जलता है उसके जस्ट ऊपर लगा हुआ होता है इस को सेकेंडरी superheater भी कहते हैं आग की लपटे सीधे इस सुपरहीटर को हिट करती है जिससे यह सुपरहीटर स्टीम का टेंप्रेचर बहुत ही ज्यादा बढ़ा देता है जिससे स्टीम की क्वालिटी बहुत ही ज्यादा अच्छा हो जाता है इस लिए इस सुपरहिटेड स्टीम का उपयोग ज्यादा तर टारबाइन घूमाने के लिए पावर प्लांट में किया जाता है जिसका स्टीम टेंप्रेचर 450 डिग्री सेल्सियस से लेकर 650 डिग्री सेल्सियस तक होता है
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Convection superheater
कंवेक्शन सुपरहीटर भट्ठी में आउट लेट पर लगा हुआ होता है इसको प्राइमरी सुपरहीटर भी कहते है इसको भट्टी से आ रही फ्लू गैसेस हिट करती है इसका स्टीम टेंप्रेचर 350 डिग्री सेल्सियस से लेकर 450 डिग्री सेल्सियस तक होता है इस superheater का इस्तेमाल ज्यादा तर मीडियम प्रेशर बॉयलर में किया जाता है एक बात और यहां पर ध्यान देने वाली है एक ही बॉयलर में इन दोनों सुपरहीटरो का उपयोग किया जा सकता है
Separately fired superheater
सेपरेटली फायर्ड सुपरहीटर जैसे इसके नाम से ही पता चलता है इसका अलग से कैंबेनशन चैंबर होता है जिसमें सुपरहीटर लगा होता है इसके लिए अलग से आज जलाया जाता है जिसके इसको हिट मिलता है और यह स्टीम को सुपरहीटेड स्टीम में कन्वर्ट करता है जिसका टेंप्रेचर 450 डिग्री सेल्सियस से लेकर 650 डिग्री सेल्सियस तक होता है इसका एक खास बात और है इसका खुद का कैंबेनशन चैंबर होने की वजह से यह स्टीम टेंपरेचर को एक खास पॉइंट पर कंट्रोल कर सकता है
superheater diagram
यह एक प्रायमरी सुपर हीटर है
Conclusion
इस पोस्ट में मैंने आप को steam boiler Superheater के बारे में विस्तार से जानकारी दिया हूं फिर भी अगर आप का superheater से जुड़ा कोई सवाल और सुझाव हाेतो हमे कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं boilerlearn.com अपने पाढको के साथ बॉयलर से जुड़ी जानकारी साझा करता है आप का दिन शुभ हो धन्यवाद।
FAQs
What is the use of a superheater?
सुपरहीटर का उपयोग वेट स्टीम और ड्राई स्टीम से पानी के नमी को निकलने के लिए किया जाता है और स्टीम का टेंप्रेचर बढ़ाने के लिए किया जाता है