क्या आप जानना चाहते है boiler क्या होता है? बॉयलर एक बंद वेसल होता है जिसमें आग लगा के पानी से स्टीम तैयार किया जाता है। आज के इस पोस्ट में मै बॉयलर के बारे में जानकारी देने वाला हूं। Boiler क्या होता है? Indian boiler regulation (IBR) के मुताबिक एक बॉयलर होने का शर्ते क्या है? Boiler का कार्य क्या है? boiler के पार्ट्स पुर्जे और उनके काम? Boiler कितने प्रकार का होता है? Boiler का उपयोग क्यों किया जाता है? Boiler का diagram कैसा होता है? इन सभी के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़े।
boiler क्या होता है?
बॉयलर एक बंद वेसल होता है जिसमें ईंधन से आग लगाकर पानी से स्टीम तैयार किया जाता है। इसमें कम से कम 22.75 लीटर पानी स्टोर करने की कैपेसिटी होनी चाहिए। और ये यूनिट सेफ्टी के संसाधनों से तैयार हो तो इस प्रकार की संरचना या मैकेनिकल डिवाइस बॉयलर होता है।

Indian boiler regulation (IBR) के मुताबिक एक बॉयलर होने का शर्ते क्या है?
- बॉयलर या बेसल में 22.75 लीटर या उससे अधिक पानी स्टोर करने की क्षमता होना चाहिए।
- बॉयलर में स्टीम का प्रेशर 3.5 kg /cm2 यानी की 50 (psi) होना चाहिए।
- बॉयलर में जरूरी सेफ्टी कॉम्पोनेंट्स लगे होने चाहिए जैसे सेफ्टी वाल्व फिजियल प्लग आदि।
- इंडियन बायलर रेगुलेशन के तहत रजिस्टर्ड होना चाहिए।
अगर किसी बेसल या बॉयलर में ऊपर बताए गए नियम और शर्ते नहीं मिल रहा है तो हम उसे बॉयलर नहीं कहेंगे यही वजह है कि हम प्रेशर कुकर को बॉयलर नहीं कहते है।
Boiler का कार्य क्या है?
Boiler का कार्य है पानी से स्टीम बनाना है यह कैसे होता है इसे विस्तार से समझिए।
बॉयलर में सबसे पहले पानी भरा जाता है उसके बाद से भट्टी में आग लगाया जाता है। भट्टी में आग लगने के लिए कोयला, लकड़ी, या धान की भूसी, आदि का इस्तेमाल किया जाता है। एक बार जब आग अच्छे से जल जाता है तो उसके बाद से भूसी या कोयला को लगातार थोड़े थोड़े मात्रा में स्क्रूप फीडर के जरिए भट्टी में डाला जाता है ताकि आग लगातार जलती रहे उसके बाद से आग के चारों तरफ ट्यूब्स होते है जिसमें पानी भरा होता है यह पानी धीरे धीरे गर्म होने लगता है और एक टाइम के बाद इतना ज्यादा गर्म हो जाता है कि वह भाप में बदल जाता है।
boiler के पार्ट्स पुर्जे और उनके काम?
- Tubes
- Steam drum
- stop valve
- safety valve
- fd fan
- Id fan
- Chimney
- feed pump
tubes boiler furnace में लगा हुआ होता है इसके अंदर पानी भरा हुआ होता है जब भट्टी में आग जलता है तो उसका गर्मी ट्यूब्स को लगता है जिसके वजह से अंदर भरा हुआ पानी गर्म हो जाता है और स्टीम बन जाता है।
Steam drum यह बॉयलर में सबसे टॉप पर लगा होता है भट्टी के अंदर ट्यूब्स में पानी गर्म होकर जब स्टीम बनता है तो उसे इसी में इकट्ठा किया जाता है।
Stop valve यह बॉयलर स्टीम ड्रम के ऊपर लगा हुआ होता है। स्टीम ड्रम में इकट्ठा हुआ स्टीम इसी वाल्व को खोलने से प्लांट में जाता है और इसी को बंद करने से प्लांट में जाना बंद हो जाता है।
safety valve यह भी बॉयलर स्टीम ड्रम के ऊपर लगा होता है इसका काम सेफ्टी का है जैसे कि इसके नाम से ही पता चल रहा है। जब कभी भी बॉयलर स्टीम ड्रम में जरूरत से ज्यादा स्टीम इकट्ठा हो जाएगा तब यह सेफ्टी वाल्व खुल जाता है और जो भी जरूरत से ज्यादा स्टीम होता है वह स्टीम ड्रम से बाहर निकल जाता है।
fd fan यह बाहर से हवा को खींच कर बॉयलर के अंदर भट्टी में भेजता है जिससे कि आग जल सके।
id fan यह बॉयलर के भट्टी में जल रही आग के धुआं को खींचता है और उसे चिमनी तक पहुंचता है।
Chimney यह भट्टी से निकल रहे धुआं को आसमान में छोड़ने का काम करता है इसे बहुत सारे लोग अपने आस पास भी देखे होंगे।
feed pump यह बॉयलर में पानी भरने का काम करता है। जब बॉयलर में पानी कम होता है तो feed pump के द्वारा भरा जाता है।
Boiler कितने प्रकार का होता है?
बॉयलर मुख्य दो प्रकार के होते है। फायर ट्यूब्स बॉयलर, वाटर ट्यूब्स बॉयलर।
fire tubes boiler फायर ट्यूब्स बॉयलर उस बॉयलर को कहते है जिसके ट्यूब्स के अंदर आग होता है और और ट्यूब्स के चारों तरफ पानी होता है इस प्रकार के बॉयलर को फायर ट्यूब्स बॉयलर कहते है।

Water tube boiler वाटर ट्यूब्स बॉयलर उस बॉयलर को कहते है जिसके ट्यूब्स के अंदर पानी भरा होता है और ट्यूब्स के बाहर चारों तरफ आग होता है इस प्रकार के बॉयलर को वाटर ट्यूब बॉयलर कहते है।

Boiler का उपयोग क्यों किया जाता है?
बायलर का उपयोग स्टीम उत्पादन के लिए किया जाता है इसके कई कारण हैं।
- बॉयलर के द्वारा उत्पादन किए गए स्टीम से टरबाइन घुमाकर बिजली उत्पादन किया जाता है।
- बॉयलर के स्टीम से पानी गर्म कर के कपड़े आदि को धोया जाता है।
- बॉयलर स्टीम हिट का उपयोग कर के प्रोडक्ट आदि को बनाया जाता है।
बॉयलर स्टीम का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है पहले के टाइम में बॉयलर स्टीम के द्वारा रेलगाड़ी चलाया जाता था फिर बॉयलर स्टीम के ही द्वारा बड़ी-बड़ी पानी वाली जहाजों को चलाया जाता था और भी कई तरीके के मैकेनिकल काम बॉयलर स्टीम के द्वारा होता था और अभी भी होता है बॉयलर स्टीम का उपयोग पूरी तरह से जरूरत के ऊपर निर्भर होता है।
Boiler का diagram कैसा होता है?

Conclusion
Boiler चारों तरफ से बंद एक उपकरण है जिसका उपयोग पानी से भाप बनाने की लिए किया जाता है और उस भाप से बिजली का उत्पादन किया जाता है और कंपनियों में स्टीम बॉयलर के भाप से साबुन, तेल, कपड़ा आदि को बनाया जाता है। मुझे उम्मीद है यह पोस्ट आप सभी लोगों को काफी पसंद आया होगा। आप का दिन शुभ हो।
FAQs
Boiler का अभिष्कार किसने किया था?
बॉयलर का अभिष्कार एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक डेनिस पापिन ने 1679 ईसा पूर्व में किया था।
भाप इंजन का अभिष्कार किसने किया था?
भाप इंजन का अभिष्कार जेम्स वॉट ने 1769 ईसा पूर्व इंग्लैंड में किया था।
बॉयलर का उपयोग जोर शोर से कब किया गया?
बॉयलर का उपयोग जोर शोर से 19 वी शताब्दी में बिजली उत्पादन, रेलवे, पानी की जहाज आदि में किया गया।
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