नमस्कार दोस्तो बॉयलर सीखिए में आप का स्वागत है locomotive boiler in hindi के इस पोस्ट में locomotive boiler क्या होता है locomotive boiler working से लेकर locomotive boiler diagram के बारे में सब कुछ जानेंगे बिलकुल विस्तार से अगर आप जनना चाहते है तो इस पोस्ट को लास्ट तक पढे आप को लोकोमोटिव बॉयलर से जुड़ा कोई और पोस्ट नही पढ़ना पड़ेगा।
locomotive boiler
लोकोमोटिव बॉयलर फायर ट्यूब बॉयलर का एक प्रकार होता है इसमें स्टीम ड्रम होता है और बहुत सारा फायर ट्यूब्स होता है जिनके रास्ते आग और धुआं हवा का संचालन होता है इसका स्टीम ड्रम होरिजेंटल होता है और यह अस्थाई बॉयलर होता है एक जगह से दूसरे जगह लाया ले जाया जा सकता है इसका डिजाइन मुख्य रूप से स्टीम इंजन चलाने के लिए किया गया है मुख्य रूप से रेलवे इंजनों को चलाने के लिए लोकोमोटिव बॉयलर का उपयोग किया जाता है इसका आविष्कार 1828 में मार्क सेंगुइन के द्वारा किया गया था
locomotive boiler working
लोकोमोटिव बॉयलर में स्टीम ड्रम होता है स्टीम ड्रम में पानी भरा होता है और ड्रम के अंदर बहुत सारी फायर ट्यूब्स होती हैं जब भट्टी में आग को जलाया जाता है तो फ्लू गैस फायर ट्यूब के रास्ते स्टीम ड्रम में प्रवेश करती हैं और स्टीम ड्रम में पानी भरा होता है तो धीरे-धीरे पानी गर्म होकर स्टीम बनने लग जाता है और स्टीम बनकर स्टीम ड्रम में इकट्ठा होने लग जाता है फिर स्टीम ड्रम से निकलकर स्टीम सुपर हीटर हेडर में प्रवेश करता है तो स्टीम से पानी का मात्रा खतम हो जाता है और स्टीम का टेंपरेचर बढ़ जाता है फिर सुपर हिटर स्टीम स्टीम इंजन में जाता है फिर स्टीम इंजन चलना स्टार्ट हो जाता है फिर रेल गाड़ी चलती है
locomotive boiler diagram
locomotive boiler diagram को समझने के लिए इस इमेज को को ध्यान से देखो
यह लोकोमिटिव बायलर है इसमें सबसे पहले हवा को अंदर लिया जाता है जीतना जरूरत है उतना ही हवा अंदर आए इसको कम ज्यादा करने के लिए डमफर लगा होता है फिर हवा ऐश पीट में आता है जिसे राख का बॉक्स भी कहते है इसके उपर ग्रेड होता है जिसमे छोटे छोटे होल रहता है ग्रेड के उपर कोयला जलने के लिए डाला जाता है ऐश पीट से हवा निकाल कर छोटे-छोटे होल के रास्ते ग्रेड के ऊपर कोयल को जलाती है फिर कोयला जलने के बाद जो राख होता है ग्रेड के उसी होल के रास्ते ऐश पीट में गिर जाती है फिर फायर बॉक्स में आग जलने के बाद फ्लू गैसेस स्टीम ड्रम फायर ट्यूब में प्रवेश करती है जहां पर पानी गर्म होता है और धीरे-धीरे बनना शुरू होता है उसके बाद से फ्लू गैसेस स्मोक बॉक्स में चला जाता है बचा हुआ हीट फिर सुपर हिटर हेडर के द्वारा उपयोग में ले लिया जाता है उसके बाद से चिमनी के रास्ते बाहर निकल जाता है।
locomotive boiler parts
- ब्लूडाउन वाल्व
- फायर डोर
- वाटर गेज
- लीवर
- प्रेशर गेज
- स्टीम विस्टल
- फुजिबल प्लग
- स्टीम डोम
- स्टॉप वाल्ब
- स्टीम रेगुलेटर
- स्टीम सेफ्टी वाल्व
- सुपर हिटर हेडर
- चिमनीय,
- ब्लोअर
- सुपर हिटर एग्जिट पाइप
- स्मोक बॉक्स
- स्मोक बॉक्स डोर
- ब्लास्ट एक्जोस्ट पाइप
- सुपर हिटर ट्यूब्स
- शेल और बैरल
- फायर ट्यूब्स
- मेनहोल, दमफर
- ऐश पीट
- ग्रेड
- फायर बॉक्स
- ब्रिक आर्च आदि।
Locomotive boiler working principle
लोकोमोटिव बॉयलर नेचरली ड्राफ्ट से चलता है इसमें अलग से एचडी फैन आईडी फैन नहीं लगा होता है यह इंटरनली फायर ट्यूब बॉयलर होता है यानी कि स्टीम ड्रम में ही इसकी भट्ठी को भी बनाया गया होता है सबसे पहले इसके भट्टी में कोयला डालकर आग को जलाया जाता है फिर स्टीम का उत्पादन किया जाता है जिससे कि स्टीम इंजन को चलाया जा सके एक बार जब स्टीम इंजन चलने लग जाता है तो इसके ड्राफ्ट लेने की कैपेसिटी बढ़ जाती है स्टीम इंजन जितने तेज से चलेगा उतना ही ज्यादा ड्राफ्ट लेकर यह ज्यादा स्स्टीम का उत्पादन कर सकता है और जितना ज्यादा स्टीम का उत्पादन होगा उतना ही तेज रेल इंजन को चलाया जा सकता और जितना ज्यादा तेज से रेल चलेगी उतना ही ज्यादा यह ड्राफ्ट ले सकता है इसी तरह से यह प्रक्रिया चलती रहती है जब यह स्टार्ट होता है तब इसके ड्राफ्ट लेने की कैपेसिटी लिमिटेड होती है और जब यह चलने लग जाता है तो इसकी ड्राफ्ट लेने की कैपेसिटी अनलिमिटेड हो जाता है यह जितना चाहे उतना ड्राफ्ट ले सकता है इसकी ड्राफ्ट लेने की कैपेसिटी पूरी तरह से इसके स्पीड पर निर्भर करती है इसीलिए आप लोगों ने भी देखा होगा जब ट्रेन चलती है तो स्टार्टिंग में धीरे-धीरे चलती है और जब तेज से चलने लग जाती है तो और तेज से चलने लग जाती है इसका वजह यही है
Important question answer
(Q) लोकोमोटिव बॉयलर का फीड पंप कैसे चलता है?
लोकोमोटिव बॉयलर का फीड पंप स्टीम के द्वारा चलता है
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Water tube boiler kya hota hai?
FAQs
What is a locomotive type boiler?
लोकोमोटिव बॉयलर फायर ट्यूब बॉयलर का एक प्रकार होता है इसमें स्टीम ड्रम होता है और बहुत सारा फायर ट्यूब्स होता है जिनके रास्ते आग और धुआं हवा का संचालन होता है
How does a locomotive boiler work?
लोकोमोटिव बॉयलर में स्टीम ड्रम होता है स्टीम ड्रम में पानी भरा होता है और ड्रम के अंदर बहुत सारी फायर ट्यूब्स होती हैं जब भट्टी में आग को जलाया जाता है तो फ्लू गैस फायर ट्यूब के रास्ते स्टीम ड्रम में प्रवेश करती हैं और स्टीम ड्रम में पानी भरा होता है तो धीरे-धीरे पानी गर्म होकर स्टीम बनने लग जाता है
Locomotive boiler a water tube boiler?
लोकोमोटिव बॉयलर वाटर ट्यूब बॉयलर नहीं है यह एक फायर ट्यूब बॉयलर है इसके स्टीम ड्रम में बहुत सारी फायर ट्यूब्स होती।