boilerlearn.com में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है आज के इस पोस्ट में Lancashire boiler के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा अगर आप Lancashire boiler को विस्तार से जानना चाहते है तो इस पोस्ट को बिलकुल लास्ट तक पढ़े
Lancashire boiler
Lancashire boiler फायर ट्यूब लो प्रेशर इंटरनली फायर नेचुरल ड्रॉप से चलने वाला होरिजेंटल, सिलैंडरिकल, स्थाई स्टीम बॉयलर है इसका स्टीम उत्पादन क्षमता 1 घंटे में 8500 किलोग्राम है इसका लंबाई 9 से 10 मीटर है और चौड़ाई 4 से 6 मीटर है इसका आविष्कार सन 1844 में विलियम फेयरबैर्न ने किया था
fire tube का मतलब होता है ट्यूब्स के अंदर आग जलेगी और उसके चारो तरफ पानी रहेगा
इंटरनली फायर का मतलब होता है सेल ड्रम के अंदर ही कोयला डालकर आग को जलाया जायेगा और स्टीम का उत्पादन होगा इसे ही इंटरनली फायर बॉयलर कहते है
नेचुरल ड्राफ्ट से चलने का मतलब यह है कि बॉयलर में (fd fan)होता है जिसे फोर्स ड्राफ्ट फैन कहते हैं वह नहीं रहेगा और (id fan) जिसे Induced Draft fan कहते है वह भी नही रहेगा आग अपने आप नेचुरल ड्राफ्ट से जलेगी इसे ही नेचुरल ड्राफ्ट बॉयलर कहते है
होरिजेंटल, सिलैंडरिकल बॉयलर – इसका सीधा लेना देना सेल ड्रम या स्टीम ड्रम से होता है जिस बॉयलर का सेल ड्रम होरिजेंटल होता है उसे होरिजेंटल सेल ड्रम बॉयलर कहते है और जिसका बनावट सिलेंडर के आकार के तरह होगा तो उसे सिलैंडरिकल सेल ड्रम बॉयलर कहते है ज्यादा फायर ट्यूब बॉयलर सेल ड्रम होरिजेंटल सिलैंडरिकल दोनों ही होते है
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Lancashire boiler working
सबसे पहले एक बाहरी पंप के मदद से बॉयलर के फीड टैंक में पानी भरा जाता है फिर बॉयलर के फीड टैंक से पानी स्टीम ड्रम में भरा जाता है इस बॉयलर के सेल ड्रम में 2 फायर ट्यूब्स होता है उस फायर ट्यूब्स के अंदर ग्रेड लगा होता है उसी के उपर कोयला डाल कर आग को जलाया जाता है सेल ड्रम में पानी भरा होता है इस लिए धीरे धीरे स्टीम का उत्पादन शुरू होने लग जाता है फिर इसी स्टीम को यूज में लिया जाता है और बॉयलर का फीड पम्प चलाया जाता है बाकी का स्टीम कंपनी अपने उपयोग में लेती है
Lancashire boiler diagram
Lancashire boiler का diagram समझना बहुत ही आसान है आप इस फोटो में देख सकते है
Image source/google.con
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Parts
मेंहोल
स्लैंड्रिकल सेल
ब्लूडाउन वाल्व
फायर डोर
वाटर गेज ग्लास
प्रेशर गेज
फुजिबल प्लग
स्टॉप वाल्ब
स्टीम सेफ्टी वाल्व
चिमनीय
फायर ट्यूब्स
ऐश पीट
ग्रेड
फायर बॉक्स
फीड चेक वाल्व
फीड पम्प
- मेंहोल बॉयलर में सबसे उपर नट बोल्ट से कसा होता है इसके रास्ते बॉयलर में सफाई आदि होता है
- स्लैंड्रिकल सेल ड्रम बॉयलर का सेल ड्रम गैस सिलेंडर के तरह गोल बनाया जाता है ताकि प्रेशर का दबाव बराबर चारो तरफ लगे और आसानी से फटे ना इस लिए इसे सिलेंड्रिकल सेल ड्रम कहते है
- ब्लूडाउन वाल्व बॉयलर में सबसे निचे बॉटम पर होता है इसके रास्ते बॉयलर का सारा पानी बाहर निकाला जाता है
- फायर डोर के रास्ते बॉयलर में कोयला या लक्कड़ डाला जाता है जलने के लिए यह बॉयलर में सामने होता है
- वाटर गेज ग्लास बॉयलर में सामने होता है इसके द्वारा बॉयलर में पानी का लेबल देखा जाता है
- प्रेशर गेज के द्वारा बॉयलर में प्रेशर को देखा जाता है यह प्रेशर को किलो ग्राम में बताता है बॉयलर में आगे के तरफ होता है
- फुजिबल प्लग यह बॉयलर सेल के सेंटर में होता है वाटर लेबल से थोड़ा नीचे बॉयलर में पानी जब एक्स्ट्रा लेवल से लो होता है तब यह पिघल जाता है और बॉयलर को फटने से बचाता है
- स्टॉप वाल्ब यह सेल ड्रम के सबसे टॉप पर रहता है इसके द्वारा बॉयलर से स्टीम को उपयोग के लिए भेजा जाता है और रोका जाता है
- स्टीम सेफ्टी वाल्व यह सेल ड्रम के सबसे टॉप पर रहता है बॉयलर में जरुरत से ज्यादा स्टीम होने पर इसी रास्ते निकल जाता है बॉयलर को फटने से बचाता है
- चिमनीय बॉयलर में सबसे ऊंचा होता है जिसके रास्ते बॉयलर में जल रहे लकड़ी या कोयले का धुआं को निकाला जाता है
- फायर ट्यूब्स सेल ड्रम में होता है इसके चारो तरफ पानी रहता है और इसके बीच से आग और धुआं गुजरता है तब पानी गर्म होता है और स्टीम बनता है
- ऐश पीट यह बॉयलर के भट्ठी के नीचे रहता है भट्ठी में जल रहा कोयला और लकड़ी का राख ऐश पीट में इकट्ठा होता है
- ग्रेड इसके उपर कोयला या लकड़ी को डाल कर जलाया जाता है यह ऐश पीट के उपर होता है
- फायर बॉक्स फायर डोर के पीछे फायर बॉक्स होता है जिसमे आग जलती है
- फीड चेक वाल्व यह बॉयलर के सेल ड्रम में होता है इसके रास्ते बॉयलर सेल ड्रम में पानी सिर्फ जा सकता है यह पानी वापस आने से रोकता है
- फीड पम्प के द्वारा बॉयलर सेल ड्रम में जरुरत जितना पानी को भरा जाता है
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Construction and working
- मेंहोल बॉयलर में सबसे उपर नट बोल्ट से कसा होता है इसके रास्ते बॉयलर में सफाई आदि होता है
- स्लैंड्रिकल सेल ड्रम बॉयलर का सेल ड्रम गैस सिलेंडर के तरह गोल बनाया जाता है ताकि प्रेशर का दबाव बराबर चारो तरफ लगे और आसानी से फटे ना इस लिए इसे सिलेंड्रिकल सेल ड्रम कहते है
- ब्लूडाउन वाल्व बॉयलर में सबसे निचे बॉटम पर होता है इसके रास्ते बॉयलर का सारा पानी बाहर निकाला जाता है
- फायर डोर के रास्ते बॉयलर में कोयला या लक्कड़ डाला जाता है जलने के लिए यह बॉयलर में सामने होता है
- वाटर गेज ग्लास बॉयलर में सामने होता है इसके द्वारा बॉयलर में पानी का लेबल देखा जाता है
- प्रेशर गेज के द्वारा बॉयलर में प्रेशर को देखा जाता है यह प्रेशर को किलो ग्राम में बताता है बॉयलर में आगे के तरफ होता है
- फुजिबल प्लग यह बॉयलर सेल के सेंटर में होता है वाटर लेबल से थोड़ा नीचे बॉयलर में पानी जब एक्स्ट्रा लेवल से लो होता है तब यह पिघल जाता है और बॉयलर को फटने से बचाता है
- स्टॉप वाल्ब यह सेल ड्रम के सबसे टॉप पर रहता है इसके द्वारा बॉयलर से स्टीम को उपयोग के लिए भेजा जाता है और रोका जाता है
- स्टीम सेफ्टी वाल्व यह सेल ड्रम के सबसे टॉप पर रहता है बॉयलर में जरुरत से ज्यादा स्टीम होने पर इसी रास्ते निकल जाता है बॉयलर को फटने से बचाता है
- चिमनीय बॉयलर में सबसे ऊंचा होता है जिसके रास्ते बॉयलर में जल रहे लकड़ी या कोयले का धुआं को निकाला जाता है
- फायर ट्यूब्स सेल ड्रम में होता है इसके चारो तरफ पानी रहता है और इसके बीच से आग और धुआं गुजरता है तब पानी गर्म होता है और स्टीम बनता है
- ऐश पीट यह बॉयलर के भट्ठी के नीचे रहता है भट्ठी में जल रहा कोयला और लकड़ी का राख ऐश पीट में इकट्ठा होता है
- ग्रेड इसके उपर कोयला या लकड़ी को डाल कर जलाया जाता है यह ऐश पीट के उपर होता है
- फायर बॉक्स फायर डोर के पीछे फायर बॉक्स होता है जिसमे आग जलती है
- फीड चेक वाल्व यह बॉयलर के सेल ड्रम में होता है इसके रास्ते बॉयलर सेल ड्रम में पानी सिर्फ जा सकता है यह पानी वापस आने से रोकता है
- फीड पम्प के द्वारा बॉयलर सेल ड्रम में जरुरत जितना पानी को भरा जाता है
accessories of Lancashire boiler
एयर फ्री हीटर
सुपर हीटर
फीड पम्प
बेड स्क्रैबर
- इकोनोमाइजर का उपयोग बॉयलर में ठंडे पानी को गर्म करने के लिए किया जाता है
- एयर फ्री हीटर का उपयोग बॉयलर में ठंडे हवा को गर्म करने के लिए किया जाता है
- सुपर हीटर का उपयोग बॉयलर में स्टीम से पानी का मौसचर निकलने के लिए और स्टीम का टेंपरेचर बढ़ने के लिए किया जाता है
- फीड पम्प के द्वारा पानी को बॉयलर सेल ड्रम में भरा जाता है
- बेड स्क्रैबर का उपयोग बॉयलर में जले हुए कोयला और लकड़ी के राख को चिमनी से बाहर जाने से रोकने के लिए किया जाता है इसके उपयोग के बाद सिर्फ धुआं ही चिमनी के रास्ते बाहर जाता है
advantage
- इसको चलाना आसान होता है
- इसका देख भाल मेंटेनेंश आसानी से हो जाता है
- नेचुरालीय ड्राफ्ट से चलता है इस लिए बिजली का उपयोग नही करता
- इस बॉयलर में सिर्फ 2 ही फायर ट्यूब्स होता है इस लिए माल्टीट्यूब बॉयलर के मुकाबले इसका सफाई जल्दी और आसनी से हो जाता है
- बड़े बड़े फायर ट्यूब्स होने के वजह से यह माल्टीट्यूब बॉयलर के मुकाबले बिना सफाई का ज्यादा दिनों तक चल सकता है
- इस बॉयलर को चलाने के लिए सॉलिड फ्यूल लकड़ी कोयला आदि का उपयोग किया जाता है
disadvantage
- 2 फायर ट्यूब्स होने के वजह से यह माल्टिट्यूब बॉयलर के मुकाबले उपयोग के लिए स्टीम तैयार करने में टाइम लगाता है
- इस बॉयलर का उपयोग सिर्फ लो प्रेशर स्टीम के लिए किया जा सकता है
- इसका स्टीम उत्पादन छमता 8500 किलो ग्राम पर घंटे का है
- फायर ट्यूब्स के अन्दर आग जलने के वजह से ट्यूब्स लीकेज होने की संभावना बहुत ही ज्यादा होती है
- इस बॉयलर की हिटिंग सर्फेस एरिया दूसरे बॉयलर के मुकाबले कम होता है
- यह बॉयलर मैनुअल चलता है इसमें कोई भी ऑटो सिस्टम नही लगा होता है
- बॉयलर में पानी कम होने पर मैनुअल पानी भरना पड़ता है और पूरा होने पर बंद करना पड़ता है
- इसी तरह बॉयलर में स्टीम कम होने पर डोर को खोल कर कोयला डाला जाता है और पूरा होने पर डोर को बंद कर दिया जाता है जिससे ड्राफ्ट मिलना बंद हो जाता है और स्टीम बनना बंद हो जाता है यह काम भी मैनुअली करना पड़ता है
Application
Lancashire boiler का उपयोग कुछ इस प्रकार से होता है
- ड्राइव स्टीम का उत्पादन करने के लिए
- टरबाइन को घुमाके बिजली बनाने के लिए
- लोकोमोटिव
- मरीन आदि
Lancashire boiler used in industrial field
- टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज
- पेपर मील
- टायर प्लांट
- साबुन प्लांट
- प्लेबोर्ड इंडस्ट्रीज आदि में उपयोग होता है
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FAQs
Which fuel is used in a Lancashire boiler?
लंकाशायर बॉयलर को चलाने के लिए सॉलिड फ्यूल का उपयोग किया जाता है जैसे कोयला लकड़ी आदि इसका फ्यूल इफेसेंसी 50% से 70% तक रहता है
What is the function of the Lancashire boiler?
लंकाशायर बॉयलर नेचरल ड्राफ्ट से स्टीम का उत्पादन करता है सबसे पहले कोयला या लकड़ी फायर डोर को खोल कर ग्रेड पर डाला जाता है उसके बाद बॉयलर में जरूर कार्यों को किया जाता है जैसे पानी का लेवल आदि चेक करना उसके बाद बॉयलर में आग लगा दिया जाता है धीरे धीरे आग फायर ट्यूब को गर्म करती है फायर ट्यूब के चारो तरफ पानी होता है इस लिए पानी भी गर्म होने लग जाता है जब पानी 100 डिग्री सेल्सियस के ऊपर गर्म हो जाता है तब बॉयलर में स्टीम का उत्पादन शुरू हो जाता है उसके बाद फ्लू गैसेस बॉयलर सेल ड्रम से निकल कर सुपर हीटर में एयर फ्री हीटर में एकनोमाइजर में होते हुए चिमनी के रास्ते बाहर को निकल जाती है
What is the maximum pressure in a Lancashire boiler?
लंकाशायर बॉयलर का प्रेशर ज्यादा से ज्यादा 18 kg तक होता है यह पूरी तरह से बॉयलर के उपयोग पर निर्भर करता है बॉयलर का उपयोग किस तरह के कामों के लिए किया जा रहा है और उसमे स्टीम का आवश्यकता कितना है
What is a Lancashire boiler classified as?
Lancashire boiler फायर ट्यूब, लो प्रेशर, इंटरनली फायर, नेचुरल ड्राफ्ट, से चलने वाला होरिजेंटल, सिलैंडरिकल, बॉयलर में क्लासीफाइड किया गया है
What is the capacity of the Lancashire boiler?
लंकाशायर बॉयलर का स्टीम बनाने की कैपिसिटी 8500 kg से लेकर 9000 kg तक पर घंटा स्टीम उत्पादन करने का कैपसिटी रहता है इसका वजह यह है नेचुरल ड्राफ्ट से स्टीम का उत्पादन करता है
Conclusion
नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट में मैंने आप सभी लोगो के साथ लंकाशायर बॉयलर से जुड़ा सभी तरह का जानकारी शेयर किया हुआ फिर भी अगर आप का इससे जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते है हमे उम्मीद है हमारे द्वारा साझा किया गया जानकारी आप के जीवन को उन्नति के ओर लेके जायेगा boilerlearn.com अपने पाढको के साथ बॉयलर से जुड़ी जानकारी साझा करता है आसान भाषा में अगर आप बॉयलर से जुड़ी किसी भी जानकारी को विस्तार से जनना चहते है तो boilerlearn.com इस सफर का सच्चा साथी है आप का दिन शुभ हो मंगलमय हो धन्यवाद।